फर्जी कनेक्शनों पर लगाम लगाने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय का सख्त फैसला; सब्सिडी और बुकिंग जारी रखने के लिए बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण अनिवार्य
देशभर के घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए एक बेहद जरूरी और समयबद्ध खबर है। केंद्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सभी गैस उपभोक्ताओं के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया को पूरा करना अनिवार्य कर दिया है। आधिकारिक निर्देशों के अनुसार, जिन उपभोक्ताओं ने 31 दिसंबर 2025 तक अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की, उनका गैस कनेक्शन स्थाई रूप से बंद या निलंबित किया जा सकता है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (IOCL, BPCL, HPCL) ने इस संबंध में स्पष्ट किया है कि यह कदम फर्जी गैस कनेक्शनों की पहचान करने, सरकारी सब्सिडी का दुरुपयोग रोकने और डेटाबेस को पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है। प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि अंतिम तिथि के बाद बिना ई-केवाईसी वाले कनेक्शनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ई-केवाईसी की अनिवार्यता और सब्सिडी पर प्रभाव
गैस कनेक्शन को आधार से जोड़ना और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण करना अब हर ग्राहक के लिए आवश्यक है। विशेष रूप से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों के लिए यह प्रक्रिया सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। यदि उज्ज्वला योजना के लाभार्थी निर्धारित समय सीमा के भीतर ई-केवाईसी नहीं कराते हैं, तो उन्हें मिलने वाली प्रति सिलेंडर 300 रुपये की सब्सिडी रोकी जा सकती है। इसके अलावा, सामान्य श्रेणी के ग्राहकों के लिए भी यह प्रक्रिया अनिवार्य है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गैस का उपयोग वही व्यक्ति कर रहा है जिसके नाम पर कनेक्शन पंजीकृत है। इससे उन मामलों को पकड़ने में मदद मिलेगी जहां एक ही पते पर कई कनेक्शन चल रहे हैं या मृत व्यक्तियों के नाम पर सिलेंडरों की बुकिंग की जा रही है।



















